माँ स्कन्दमाता का दिव्य तेजस्वी रूप और उनकी साधना के लाभ

माँ स्कन्दमाता का दिव्य तेजस्वी रूप और उनकी साधना के लाभ

देवी स्कन्दमाता एक स्नेहमयी और रक्षक माता का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनका मातृस्नेह हमें विकास की ओर ले जाता है और हमारी सम्पूर्ण क्षमता को प्रकट करने में सहायक होता है। वे अपने भक्तों को सिखाती हैं कि क्रोध जैसी असंयमित भावनाओं को सकारात्मक और व्यावहारिक कार्यों में कैसे परिवर्तित किया जाए।

 

देवी स्कन्दमाता का भव्य स्वरूप

गौरवर्णा (श्वेत रंग वाली) देवी स्कन्दमाता अपने छह मुखों वाले पुत्र स्कन्द (या कार्तिकेय) को स्नेहपूर्वक अपनी बाईं जांघ पर दाएँ हाथ से थामे रहती हैं। वे न केवल भगवान स्कन्द की माता हैं, बल्कि ज्ञान की छह दर्शनों की जननी भी मानी जाती हैं—न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, वेदांत और मीमांसा। इन छह दर्शनों को वेदों के अंग, अर्थात् ज्ञान का आधार स्तम्भ माना जाता है।

देवी स्कन्दमाता के अन्य दो हाथों में कमल हैं, जबकि चौथा हाथ अभय मुद्रा में है, जो निर्भयता का प्रतीक है। विशेष बात यह है कि देवी स्कन्दमाता कोई शस्त्र धारण नहीं करतीं। उनके तीनों दीप्तिमान नेत्रों से अपनी समस्त संतानों के लिए मातृस्नेह झलकता है। ध्यानमग्न अवस्था में जब वे कमलासन पर विराजती हैं, तो उन्हें ‘पद्मासनी’ कहा जाता है। अपने उज्ज्वल श्वेत वर्ण के कारण वे ‘शुभ्रा’ नाम से भी जानी जाती हैं।

 

देवी स्कंदमाता से प्राप्त दिव्य आशीर्वाद और लाभ

देवी स्कन्दमाता अपने भक्तों की रक्षा अपनी संतानों की भाँति करती हैं। वे सिंह पर आरूढ़ होती हैं और हमारे बाहरी व आंतरिक दोनों प्रकार के दुष्ट भावों व विकारों का नाश ठीक उसी प्रकार करती है जैसे उन्होंने अपने पुत्र कार्तिकेय को तारकासुर के वध के लिए तैयार किया था। वे नवदुर्गा के अत्यंत स्नेहमयी और करुणामयी स्वरूप हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी स्कन्दमाता की आराधना करने से उनके पुत्र भगवान स्कन्द की कृपा भी सहज प्राप्त होती है।

देवी स्कन्दमाता की पूजा और साधना के कई आध्यात्मिक लाभ होते हैं। एक माता के रूप में उनका स्नेह हमेशा अपने भक्तों के प्रति प्रचुर होता है। जब कोई भक्त उन्हें सच्चे प्रेम और श्रद्धा से पुकारता है, तो वे उनकी बाधाओं का नाश कर उन्हें सम्पूर्ण समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

यहाँ देवी स्कन्दमाता की साधना के कुछ लाभ दिए जा रहे हैं:
🌸 भक्त को स्वस्थ और गुणी संतान प्रदान करती हैं।
🌸 आक्रामक प्रवृत्तियों को दूर करती हैं और मन को शांति प्रदान करती हैं।
🌸 शत्रुओं के बीच संघर्षों का समाधान करती हैं और शांति लाती हैं।
🌸 न्यायिक मामलों में रक्षा करती हैं।
🌸 भौतिक सुख-संपत्ति और समृद्धि प्रदान करती हैं।
🌸 परिवार जीवन में शांति, सुख और सामंजस्य देती हैं।
🌸 संदेहों और नकारात्मक भावनाओं से लड़ने की शक्ति देती हैं।

 

देवी स्कन्दमाता और कुंडलिनी संबंध

देवी स्कन्दमाता, जो दिव्य सेनापति भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) की माता हैं, पोषण देने वाले मातृस्नेह और पवित्र की रक्षा हेतु आवश्यक उग्र शक्ति, इन दोनों का संतुलित रूप हैं। मानव शरीर में उनका संबंध विशुद्धि चक्र (कंठ) से होता है, जो संप्रेषण, आत्म-अभिव्यक्ति और सत्य से जुड़ा हुआ है। जब यह चक्र असंतुलित होता है, तो हमारी भावनाएँ दब जाती हैं और हमें स्वतंत्र रूप से संवाद करने में कठिनाई होती है।  देवी स्कन्दमाता की कृपा का आवाहन करके हम इस चक्र की वास्तविक शक्ति को जाग्रत कर सकते हैं, जिससे सहजता और स्पष्टता के साथ स्वयं को अभिव्यक्त कर सकें।एक संतुलित विशुद्धि चक्र सहज और स्पष्ट संचार को संभव बनाता है। 

 

तांत्रिक रूप में आवाहन: मृतसंजीवनी, सुमुखी, चामुण्डा

दुर्गा तंत्र और वामकेश्वर तंत्र के अनुसार, देवी के नौ तांत्रिक स्वरूपों में से एक को चामुण्डा, मृतसंजीवनी और सुमुखी के रूप में आवाहित किया जाता है।  देवी चामुण्डा को यह नाम चण्ड और मुण्ड नामक दो असुरों का वध करने के पश्चात प्राप्त हुआ। उनका शक्तिशाली मंत्र नकारात्मकता का नाश करता है, रक्षा प्रदान करता है, और साधक को सफलता, सृजनशीलता व आत्मविश्वास का आशीर्वाद देता है।

देवी स्कन्दमाता की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।
ॐ देवी स्कन्दमात्रे नमः।

Written by: Team Sadhana App
हमारा मूल उद्देश्य सनातन धर्म के गहन ज्ञान और अनुपम सौंदर्य को समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाना है। हमें सनातनी होने पर गर्व है, और इसकी शिक्षाओं तथा परंपराओं का प्रचार-प्रसार करना ही हमारी साधना है। हमारा प्रयास है कि वैदिक धर्म और शास्त्रों की गूढ़ शिक्षाएँ आमजन तक सरल, सहज और रोचक ढंग से प्रस्तुत की जाएँ, ताकि अधिकाधिक लोग इससे लाभान्वित होकर अपने जीवन में सनातन धर्म के मूल्यों को आत्मसात कर सकें।
Back to blog

Comments

No comments yet. Be the first to share your thoughts.

Leave a comment

नवदुर्गा साधना करें ✨🔱

शक्तिशाली गुप्त नवदुर्गा साधना के माध्यम से देवी के नौ रूपों की उपासना करें।

Download Now →

सिद्धों का प्रामाणिक ज्ञान

अब हिमालयी सिद्ध ओम स्वामी के द्वारा आपके लिए सुलभ किया गया