
क्या श्रीसूक्तम् साधना मेरे लिए प्रभावी होगी यदि मैं स्तोत्रम् का पाठ नहीं कर सकता/सकती?
सभी शिशु अपनी माँ के प्रेमपूर्ण शब्द और लोरियाँ को सुनकर सहज हो जाते हैं, भले ही वे उन शब्दों का अर्थ समझ नहीं समझते हो। कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है?
एक प्रजाति के रूप में, हमारा शब्दों और विशेष रूप से उनकी ध्वनियों के साथ गहरा संबंध है। कुछ ध्वनियाँ हमें शांति प्रदान करती हैं और ध्यान व मानसिक एकाग्रता बढ़ाती हैं। मंत्र भी यही करते हैं। ‘मंत्र’ शब्द दो संस्कृत मूल शब्दों से बना है: मनस् (मन) और त्र (उपकरण)। यह मन के लिए एक उपकरण या साधन है।
तो क्या होगा यदि आप मंत्र या श्रीसूक्तम् स्तोत्रम् का पाठ नहीं कर सकते? मंत्र शुद्ध ध्वनियाँ हैं, और ये हमारी चेतना पर गहरा प्रभाव डालती हैं। हमारे ऋषियों ने श्रीसूक्तम् की ऋचाओं का आवाहन व अनुभव गहन ध्यान के माध्यम से किया। श्रीसूक्तम् द्वारा उत्पन्न होने वाली तरंगों की ध्वनि और शक्ति बहुत प्रभावशाली होती है। हो सकता है कि आप इसका पाठ न कर पाएं, लेकिन इस स्तोत्रम् की प्रभावशाली ध्वनि फिर भी एक सूक्ष्म स्तर पर कार्य करेगी।
साधना ऐप में, आप स्वामी जी की आवाज़ में ऋचा सुनकर श्रीसूक्तम् का जप कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप अपनी पसंदीदा भाषा (हिंदी या अंग्रेज़ी) में स्क्रीन पर दिखाए गए मंत्र लिपि को भी पढ़ सकते हैं। जैसे-जैसे आप सूक्तम् के साथ सहज होते जाएंगे, आप ऋचाओं को सुनकर धीरे-धीरे याद करने की कोशिश कर सकते हैं। इस प्रकार का मानसिक जप, मंत्र साधना में एक उत्कृष्ट विधि माना जाता है। यह हमें सतर्क और सजग रहने का अभ्यास भी कराता है।
पर, श्रीसूक्तम् के अर्थ को जानने का एक बड़ा लाभ है। यह देवी माँ की एक सुंदर स्तुति है, जिसके ऋचाओं को समझने से भक्ति में वृद्धि होती है। अंततः, मंत्र साधना के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं: भक्ति और श्रद्धा। प्रत्येक श्रीसूक्तम् ऋचा के अर्थ को समझने के लिए, स्वामी जी की पुस्तक "द लेजेंड ऑफ द गॉडेस" के परिशिष्ट का संदर्भ लें।
यदि आप इस सूक्तम् के सोलह ऋचाओं को सीखना करना चाहते हैं, तो श्रीसूक्तम् लर्निंग मॉड्यूल में " श्रीसूक्तम् सीखें" पर जाएँ। यहाँ, आप स्वामी जी की आवाज़ में प्रत्येक ऋचा सुन सकते हैं और फिर उनका अभ्यास कर सकते हैं।

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