
श्री ललिता सहस्रनाम साधना कब और कैसे करें?
इस ब्लॉग पोस्ट में, आप ललिता सहस्रनाम साधना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
श्रीमद्भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने तीन महत्वपूर्ण कर्मों पर बल दिया है: यज्ञ, दान, और तप। इन्हें निरंतर करने से हमारा मन शुद्ध होता है। ये हमारी आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होते हैं। यज्ञ, दान, और तप, सनातन धर्म की आधारशिला हैं, और हमें इन्हें अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
आगामी शारदीय नवरात्रि में, देवी माँ की कृपा प्राप्त करें।
साधना विवरण
दिनाँक-26 सितम्बर 2025 – 15 नवम्बर 2025
यह साधना 51 दिनों के लिए उपलब्ध होगी। आप अपनी सुविधा अनुसार 26 सितंबर ’25 से 15 नवंबर ’25 के बीच 11, 21, 31 या पूरे 51 दिन तक साधना कर सकते हैं।
किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है। केवल देवी माँ का ध्यान करते हुए सुबह जप और शाम यज्ञ करें।
जप कैसे करें
- ऐप पर ‘पुष्प’ के चिन्ह पर क्लिक करें।
- अब दिन चुनें और प्रातः कालीन जप बटन पर स्पर्श करें।
- आप या तो साथ में जप कर सकते हैं, या केवल ध्यानपूर्वक ललिता सहस्रनाम स्तोत्रम् को पढ़ और सुन सकते हैं।
यज्ञ कैसे करें
- ऐप पर ‘पुष्प’ के चिन्ह पर स्पर्श करें।
- अब दिन चुनें और सांयकालीन यज्ञ बटन पर स्पर्श करें।
- स्क्रीन पर दिखाई जाने वाले निर्देशों का पालन करें और जब किसी सामग्री को हाइलाइट किया जाए, तब उसे उसी समय यज्ञ में अर्पित करें।
- मंत्रों की शक्ति का अनुभव करने के लिए ध्यान और भक्ति बनाए रखें।
साधना के नियम
1. इस साधना को करने के लिए किसी दीक्षा, अनुमति, या किसी अन्य हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
2. 8 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इसे कर सकता है।
3. साधना के दौरान स्वच्छ और शुद्ध वस्त्र धारण करें। देवी साधना के लिए लाल रंग के वस्त्र पहनना सर्वोत्तम होता है।
4. साधना के समय पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करना सबसे उपयुक्त होता है।
5. आप दिन में किसी भी समय जप कर सकते हैं। यज्ञ संध्या के बाद करें। हम सुझाव देते हैं कि जप प्रतिदिन एक ही निर्धारित समय पर करें।
6. जब आप अपना पहला यज्ञ करें, तो अपनी साधना के उद्देश्य को घोषित करते हुए एक संकल्प लें। एक इन-ऐप प्रॉम्प्ट आपका मार्गदर्शन करेगा।
7. यदि आप किसी भी दिन का जप नहीं कर पाते हैं, तो ललिता सहस्रनाम साधना खंडित हो जाएगी।
8. यदि आप यज्ञ करने में पूर्णतः असमर्थ हैं, तो आप अपनी साधना शाम को दो बार संपूर्ण ललिता सहस्रनाम का जप करके पूरी कर सकते हैं।
9. महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान भी इस साधना को करने में कोई आपत्ति नहीं है।
10. सात्विक शाकाहारी भोजन की अनुशंसा की जाती है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
11. देवी माँ ऐश्वर्य और भौतिक समृद्धि का प्रतीक हैं। वैदिक परंपरा के अनुरूप, प्रतिदिन एक छोटी मौद्रिक भेंट या दक्षिणा देने की सलाह दी जाती है। आप साधना के आरंभ में भी दक्षिणा देने का विकल्प चुन सकते हैं।
12. विचारों, शब्दों और कार्यों में सात्विकता से आपकी साधना को बल मिलेगा।
13. इस साधना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए, कृपया प्रत्येक दिन के लिए ऐप में दिए गए चरणों और दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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Ashirwad
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