माँ चंद्रघंटा की साधना से प्राप्त होने वाले दिव्य आशीर्वाद और लाभ

माँ चंद्रघंटा की साधना से प्राप्त होने वाले दिव्य आशीर्वाद और लाभ

Written by: Team Sadhana App

नवदुर्गा साधना के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा का आवाहन किया जाता है। वे एक प्रचंड योद्धा हैं, फिर भी चंद्रमा के प्रकाश की तरह सौम्य और शांत हैं। उनकी पूजा से शारीरिक और मानसिक कष्टों का निवारण होता है और आंतरिक संतुलन की प्राप्ति होती है। चंद्रमा का संबंध ‘मानस’ अर्थात् मन से होता है। हमारे विचार हमें भावनाओं के उतार-चढ़ाव में डुबोते हैं, कभी आनंद, कभी दुःख, कभी क्रोध, भय या उत्साह। ये सभी भावनाएँ घटते-बढ़ते चंद्रमा की कलाओं की तरह बदलती रहती हैं। इसीलिए मन को ‘चंचल मानस’ कहा जाता है। देवी चंद्रघंटा के मस्तक पर सुशोभित चंद्रमा हमारे भीतर चेतना का प्रकाश फैलाता है और हमारे मन को स्थिर कर आत्मचिंतन और शांति की ओर ले जाता है। उनका यह दिव्य प्रकाश साधकों को नकारात्मकता से बचाता है, उन्हें सुरक्षा और प्रेरणा प्रदान करता है।

 

माँ चंद्रघंटा और कुंडलिनी का संबंध

माँ शैलपुत्री मूलाधार चक्र की अधिष्ठात्री हैं, माँ ब्रह्मचारिणी स्वाधिष्ठान चक्र की, और उनके बाद माँ चंद्रघंटा साधक को अगली ऊँचाई की ओर ले जाती हैं, वे शरीर में मणिपूर चक्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। मणिपूर चक्र हमारे भीतर स्थित वह केंद्र है, जो हमें किसी भी परिस्थिति में शांत आत्मनियंत्रित बनाए रखने में सहायक होता है। देवी चंद्रघंटा का स्वरूप एक ओर अत्यंत तेजस्वी, प्रबल, उग्र, निर्भीक और विकराल है, तो दूसरी ओर वे उतनी ही करुणामयी, कोमल, सौम्य, स्नेहमयी, प्रसन्नचित्त, मधुर और भक्ति से परिपूर्ण हैं। माँ चंद्रघंटा हमें स्मरण कराती हैं कि कठिन परिस्थितियों में भी हम शांति, प्रेम, करुणा और संतुलन के साथ कार्य कर सकते हैं। मणिपूर चक्र पर उनके मंत्र का जप करने से शारीरिक और मानसिक कष्टों का निवारण करता है तथा साधक को आध्यात्मिक रूप से विकसित होने में सहायक होता है।

 

माँ चंद्रघंटा का तांत्रिक आवाहन

तंत्र में देवी चंद्रघंटा का आवाहन चण्डी, भद्रा और सुभगा के रूप में किया जाता है। ‘सुभगा’ नाम का अर्थ है, ‘वे जो सभी धन्य प्राणियों (भगा) द्वारा धर्म के कार्यों (सु) के लिए पूजित हैं।’ माँ चंद्रघंटा के तांत्रिक मंत्रों का उल्लेख लक्ष्मी तंत्र, ऋग्वेद के त्रिपुरा उपनिषद, तथा शैव आगम ग्रंथों में मिलता है। उनके तांत्रिक मंत्रों में अत्यंत गूढ़ और शक्तिशाली ऊर्जा निहित है। जो साधक तंत्र साधना में प्रवृत्त होना चाहते हैं, उनके लिए माँ चंद्रघंटा के तांत्रिक मंत्र से पुरश्चरण करना अत्यंत फलदायी बताया गया है।

माँ चंद्रघंटा की साधना के प्रमुख लाभ :

  • शुभता और समृद्धि
  • विवेक एवं ज्ञान
  • वैराग्य
  • साहस और संकल्प शक्ति
  • मोक्ष की प्राप्ति

माँ चंद्रघंटा की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।
ॐ माँ चंद्रघंटायै नमः।

 

नवदुर्गा साधना

शक्तिशाली नवदुर्गा साधना में माँ चंद्रघंटा का आवाहन माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप के रूप में किया जाता है। वे हमारी आंतरिक शक्ति की प्रतीक हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी स्थिर और शांत चित्त बनाए रखने में हमारी सहायता करती हैं। संस्कृत में 'दुर्ग' का अर्थ है ‘किला’। जो भी उनकी शरण में आता है, वह उनकी कृपा और सुरक्षा के इस अद्वितीय किले से सदा सुरक्षित रहता है। माँ चंद्रघंटा साधकों के लिए ऐसा किला बन जाती हैं, जो उन्हें कभी निराश नहीं करती।  यदि आप नव दुर्गा साधना आरंभ करना चाहते हैं, तो साधना ऐप के माध्यम से आप इसे कर सकते हैं।  

नव दुर्गा साधना शुरू करने के लिए:

✅ साधना ऐप डाउनलोड करें।
100% मुफ्त। कोई छिपी हुई सदस्यता नहीं! कोई परेशान करने वाले विज्ञापन नहीं। सभी सुविधाएँ अनलॉक और उपलब्ध।
✅ 26 जून 2025 को शेर के आइकन पर क्लिक करें और सभी विवरण जानें।
✅ ऐप में दिए गए दिन-प्रतिदिन के निर्देशों का पालन करें।
✅ 26 जून को पहला जप करके अपनी साधना शुरू करें और 27 जून को पहला यज्ञ करें।
✅ हर दिन का मंत्र प्रतिदिन अपडेट किया जाएगा।

✅ अगले दस दिनों तक (26 जून से 5 जुलाई ), हर शाम देवी जप और हर सुबह यज्ञ करें। 

हर दिन, आप उस दिन की देवी (नवदुर्गा) के स्वरूप का प्रातः यज्ञ और सांध्यकालीन मंत्र जप के माध्यम से आराधना करेंगे। सभी अनुष्ठान पूर्णतः निर्देशित हैं। माँ भगवती के प्रेम और आशीर्वाद को पाने के इस अनुपम अवसर का लाभ अवश्य लें। 

साधना से संभव है!

 

Back to blog

Comments

No comments yet. Be the first to share your thoughts.

Leave a comment

नवदुर्गा साधना करें ✨🔱

शक्तिशाली गुप्त नवदुर्गा साधना के माध्यम से देवी के नौ रूपों की उपासना करें।

Download Now →

नवदुर्गा का आशीर्वाद

इस गुप्त नवरात्रि, नवदुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।अपना नवरात्रि प्रसादम् प्राप्त करें!

इस बॉक्स में आपको मिलेगा:

  1. 125 ग्राम पंचमेवा
  2. 10 ग्राम कुमकुम
  3. 9 यज्ञ सम्भ्रानी कप

ध्यान दें: प्रसादम् बॉक्स सीमित संख्या में उपलब्ध हैं।

अभी प्राप्त करें!

सिद्धों का प्रामाणिक ज्ञान

अब हिमालयी सिद्ध ओम स्वामी के द्वारा आपके लिए सुलभ किया गया