
साधना ऐप पर पंचाक्षरी साधना: कब और कैसे?
साधना अर्थात् स्वयं को साधने की कला। जो व्यक्ति साधना के पथ पर अग्रसर होकर स्वयं को साध लेता है, वह सांसरिक जीवन में स्थिरता को प्राप्त कर लेता है। ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है जो साधना के बल से प्राप्त नहीं किया जा सकता। साधना से सब कुछ संभव है!
आप 21 दिनों की पंचाक्षरी साधना आरंभ कर सकते हैं। यह एक अत्यंत सरल, लेकिन अत्यंत शक्तिशाली साधना है। माँ पार्वती ने भगवान शिव को पति स्वरूप प्राप्त करने के लिए अपनी कठिन तपस्या के दौरान पंचाक्षरी मंत्र का जप किया था।
साधना का विवरण:
दिनाँक : 22 जुलाई से 11 अगस्त।
अवधि: 21 दिन
आवश्यक समय : 50 मिनट
साधना कैसे करें?
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पंचाक्षरी साधना आरंभ करने के लिए 22 जुलाई 2025 को ‘’कैलाश’’ (भगवान शिव के निवास) पर क्लिक करें।
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‘साधना’ विकल्प चुनें और ‘पंचाक्षरी साधना’ पर स्पर्श करें।
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21 दिनों की अवधि चुनें।
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हम अनुशंसा करते हैं कि प्रतिदिन कम-से-कम 5 माला जपें, जिसमें लगभग 35 मिनट का समय लगता है। आप चाहें तो अपनी सुविधा और समय-उपलब्धता के अनुसार अधिक माला भी जप सकते हैं (5 के गुणक में, जैसे—10, 15, 20 आदि)।
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साधना के पहले दिन, अपना उद्देश्य घोषित करते हुए एक संकल्प लें। एक इन-ऐप प्रॉम्प्ट आपका मार्गदर्शन करेगा।
-साधना के तीन मुख्य भाग हैं: प्रारंभिक चरण, जप, यज्ञ।
ध्यान रखें: साधना की 21 दिनों की पूर्ण अवधि में इसका अभ्यास प्रत्येक 24 घंटे में केवल एक बार करना है। इसे दिन में एक से अधिक बार दोहराने की आवश्यकता नहीं है।
साधना के नियम
- इस साधना को करने के लिए दीक्षा, अनुमति या दिव्य हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
- 12 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इसे कर सकता है।
- साधना आरंभ करने का आदर्श समय प्रातःकाल, सूर्योदय से पूर्व, है।
- साधना करते समय पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना उचित है।
- साधना आरंभ करने से पूर्व स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। श्वेत रंग के वस्त्र पहनना सर्वोत्तम होता है।
- आसन पर सुखासन में बैठें। यदि नीचे बैठना संभव न हो, तो आप किसी कुर्सी पर आरामदायक स्थिति में भी बैठ सकते हैं। ध्यान रखें कि आपकी पीठ (मेरुदंड) सीधी हो।
- सात्विक शाकाहारी आहार ग्रहण करने की अनुशंसा की जाती है।दुग्ध-निर्मित उत्पादों (डेयरी उत्पादों) का सेवन किया जा सकता है। मांस, समुद्री भोजन, अंडे तथा इनसे निर्मित उत्पादों का सेवन वर्जित है।
- साधना के अंतराल में ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य नहीं है।
- महिलाओं के लिए मासिक धर्म में भी इस साधना को करने में कोई आपत्ति नहीं है।
- वैदिक परंपरा के अनुरूप, प्रतिदिन एक छोटी मौद्रिक भेंट या दक्षिणा देने की सलाह दी जाती है। आप साधना के आरंभ में भी दक्षिणा देने का विकल्प चुन सकते हैं।
- अपने विचारों, शब्दों और कार्यों में सात्विक रहने से आपकी साधना को बल मिलेगा।
यदि आप अपनी संकल्प शक्ति को मजबूत करना और रिश्तों में सामंजस्य का अनुभव करना चाहते हैं, तो यह साधना एक शक्तिशाली साधन है।
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