
दीपावली 2025 – कब करें लक्ष्मी पूजन? जानें शुभ मुहूर्त
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योति नमोऽस्तुते ॥
अर्थात् जो शुभता, कल्याण, आरोग्य, धन-संपदा प्रदान करता है और शत्रु बुद्धि यानी दुर्बुद्धि का विनाश करता है, उस दीप ज्योति को मैं नमस्कार करता हूँ।"।
‘दीपावली’ शब्द का अर्थ है—‘दीपों की पंक्ति’। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दीपावली के दिन लोग धन, समृद्धि और सुख-शांति की अधिष्ठात्री माँ लक्ष्मी का स्वागत हर्षोल्लास के साथ करते हैं।
दीपावली पर लक्ष्मी-पूजन का महत्व
लक्ष्मी पूजन का महत्व समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है। मंथन के दौरान माँ लक्ष्मी प्रकट हुईं और उनके पश्चात भगवान धनवंतरि अमृत कलश के साथ अवतरित हुए। समुद्र मंथन से प्रकट होने के पश्चात माँ लक्ष्मी कार्तिक मास की अमावस्या को पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आईँ। वे सृष्टि को उस प्रचुरता और समृद्धि का आशीर्वाद देने हेतु अवतरित हुईं, जो उनके विलुप्त होने से नष्ट हो गई थी। तभी से कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मी पूजन का दिन माना जाने लगा और इसे सर्वसिद्धि काल की संज्ञा दी गई। क्योंकि इस समय समस्त सृष्टि की दैविक ऊर्जा और ग्रह-नक्षत्र प्रत्येक शुभ कार्य को सफल बनाने में सहायक होते हैं। चलिए आपको बताते है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी-पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुर्हुत कौनसा है।
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुर्हुत
प्रदोष काल
दीपावली पर प्रदोष काल को लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वाधिक शुभ माना गया है। यह काल सूर्यास्त के बाद प्रारंभ होता है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक चलता है। साधारण गृहस्थों के लिए यही समय पूजन का उत्तम मुहूर्त है।
स्थिर लग्न का महत्व
लक्ष्मी पूजन का वास्तविक फल तभी मिलता है जब यह स्थिर लग्न में किया जाए। “स्थिर” का अर्थ है—अचल या अडिग। यदि लक्ष्मीजी की आराधना इस समय की जाए, तो वे आपके घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं। दीपावली के प्रदोष काल में प्रायः वृषभ लग्न आता है, जिसे स्थिर लग्न माना जाता है। यही कारण है कि इस मुर्हुत को पूजा सर्वोत्तम समय बताया गया है।
महानिशीथ काल और अमृत काल
यदि कोई साधक गहन साधना करना चाहते हैं, तो उन्हें महानिशीथ काल (मध्यरात्रि की पूजा का मुहूर्त) और अमृत काल (दिन के दौरान पूजा,साधना या नए कार्य करने का शुभ समय) में माँ लक्ष्मी का पूजन का करना चाहिए। महानिशीथ काल विशेष रूप से तांत्रिक साधकों और पारंगत पंडितों के लिए अनुकूल है, क्योंकि वे इस समय की सूक्ष्म रहस्यमय ऊर्जा का सही उपयोग करना जानते हैं। सामान्य जन के लिए प्रदोष काल और अमृत काल ही शुभ है।
दीपावली 2025 का सटीक लक्ष्मी पूजन समय (पंचांग अनुसार)
लक्ष्मी पूजन दिनाँक- सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:44 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05:54 बजे
- लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 07:31 बजे से रात 08:25 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 05:58 बजे से रात 08:25 बजे तक
- वृषभ काल (स्थिर लग्न) : शाम 07:31 बजे से रात 09:33 बजे तक
लक्ष्मी-पूजन विधि
दीपावली पर हम सबके लिए पंडितजी के मार्गदर्शन में पूजन करना हमेशा संभव नहीं हो पाता। ऐसे पावन अवसर पर साधना ऐप एक दिव्य मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ आपको न तो सामग्री की प्रामाणिकता को लेकर चिंता करनी है और न ही सटीक संस्कृत मंत्रोच्चारण की। ऐप पर उपलब्ध प्रत्येक सामग्री पूर्णतः पवित्र है और पूजन विधि चरणबद्ध मार्गदर्शन के साथ प्रस्तुत की गई है।
बस साधना ऐप खोलिए और माँ लक्ष्मी के पावन धाम ‘स्वर्ण महल’ प्रवेश करें। यहाँ का वातावरण ऐसा प्रतीत होता है मानो आप वास्तव में माँ लक्ष्मी के दिव्य लोक में स्थित हों। इसके बाद ‘नित्य-पूजा’ पर क्लिक करिए और अपनी सुविधा व उपलब्ध समय के अनुसार मध्यम या विस्तृत पूजा का चयन करें। इस प्रकार आप दीपावली की रात, दीपों और मंत्रों की दिव्य आभा में, माँ लक्ष्मी का पूजन सहज और पूर्ण रूप से संपन्न कर सकते हैं। यही है साधना ऐप की विशेषता, क्योंकि यहाँ डिजिटल रूप से संपन्न की गई पूजा भी आत्मा को वही शांति और दिव्यता प्रदान करती है, जो हमें भौतिक रूप से पूजा संपन्न करने के पश्चात अनुभव होती है।
दीपावली के पावन अवसर पर साधना ऐप पर 17 दिन की श्री सूक्तम साधना संपन्न (20 अक्टूबर से 5 नवंबर) की जाती है। आप भी इस साधना में सम्मिलित होकर माँ लक्ष्मी की कृपा को अपने जीवन में आमंत्रित कर सकते हैं। इस दीपावली, साधना ऐप पर माँ लक्ष्मी का पूजन करें और अपने जीवन में उनकी कृपा तथा दिव्यता का अनुभव प्राप्त करें।
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