सत्रह-दिन की श्रीसूक्तम् साधना दो भागों में बाँटी गई है: संध्या जप और प्रातः यज्ञ। श्रीसूक्तम् में 16 ऋचाएँ हैं। पहली ऋचा को दिन 1 से आरंभ करते हुए, आप हर संध्या एक ऋचा का जप करेंगे। अगले सुबह, आप यज्ञ करेंगे और माँ लक्ष्मी को उसी ऋचा के साथ अर्पण करेंगे। इस तरह, 16 ऋचा 16 दिनों में पूरी होंगी।
संध्या जप की प्रक्रिया
श्रीसूक्तम् साधना में, आप मुख्य ऋचाओं के पहले और बाद में बीजाक्षर जोड़े गए हैं। बीजाक्षर संक्षिप्त मंत्र होते हैं। इनका उपयोग साधना को अधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली बनाता है।
साधना ऐप के साथ, आप इन मंत्रों का आसानी से उच्चारण कर सकते हैं। माँ लक्ष्मी के मंदिर जाएँ, अपनी आँखें बंद करें, स्वामी जी की आवाज़ में ऋचा सुनें, और अपनी साधना में लीन हो जाएँ।
प्रातः यज्ञ की प्रक्रिया
वास्तविक श्रीसूक्तम् साधना बहुत व्यापक है। मानक यज्ञ सामग्री के अतिरिक्त, प्रत्येक दिन के अर्पण के लिए विशेष सामग्री (शहद, किशमिश, सफेद तिल, आदि) होती है। इसी प्रकार, विनियोग (मंत्र का उपयोग) भी मंत्र के अनुसार बदलता है।
साधना ऐप के साथ, आप हिमलयान सिद्धा ओम स्वामी के साथ मार्गदर्शित यज्ञ कर सकते हैं।