नवदुर्गा

नवदुर्गा

नवदुर्गा: नौ रूपों का अर्थ और आध्यात्मिक महत्व
नवरात्रि के नौ दिनों में, हर दिन माँ दुर्गा के एक विशेष रूप की आराधना की जाती है। यह साधना प्रातःकाल और संध्याकाल के विशेष अनुष्ठानों के माध्यम से की जाती है। प्रातःकाल में भक्त देवी माँ के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए यज्ञ करते हैं, जबकि संध्याकाल में उस दिन की देवी से संबंधित विशेष मंत्रों का जप किया जाता है।

इस साधना में नौ दिनों तक, प्रत्येक सुबह लगभग तीस मिनट यज्ञ के लिए और प्रत्येक संध्या लगभग पैंतालीस मिनट का समय जप के लिए समर्पित करना होता है।नवदुर्गा साधना माँ की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। यह साधना भक्तों के जीवन को साहस और ऊर्जा से भर देती है तथा उन्हें आत्मशुद्धि का अवसर भी प्रदान करती है।

 

माँ शैलपुत्री  

सृष्टि के आरंभ में भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मांड के सृजन के लिए प्रजापति, मनु और ऋषियों का निर्माण किया। इनमें से प्रजापति दक्ष की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी।उन्होंने भक्ति के बल पर माँ आदि शक्ति को प्रसन्न किया। माँ ने उन्हें वरदान दिया कि वे स्वयं उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी। इसी वरदान के फलस्वरूप देवी सती का धरती पर प्राकट्य हुआ। इस लेख में आपको देवी सती के जन्म, उनके आत्म-बलिदान और फिर देवी शैलपुत्री के रूप में उनके पुनर्जन्म की कथा पढ़ेंगें।

माँ शैलपुत्री की साधना के लाभ

  • समृद्धि और प्रचुरता
  • आध्यात्मिक जागरण
  • भावनात्मक स्थिरता 
  • सुरक्षा और आशीर्वाद
  • इच्छाओं की पूर्ति


माँ ब्रह्मचारिणी

माँ ब्रह्मचारिणी नवदुर्गा का दूसरा स्वरूप है। माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना एक साधिका या तपस्विनी के रूप में की जाती है, जब उन्होंने भगवान शिव का प्रेम प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। माँ का यह स्वरूप अपार शक्ति, दृढ़ संकल्प और ज्ञान प्राप्ति की खोज का प्रतीक है।

माँ ब्रह्मचारिणी की साधना के लाभ

  • शक्ति और दृढ़ता
  • आध्यात्मिक प्रगति  
  • आंतरिक शांति  
  • ज्ञान और विवेक  
  • इच्छाओं की पूर्ति

 

माँ चंद्रघंटा  

माँ चंद्रघंटा, माँ दुर्गा का तीसरा रूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। वे शांति और शक्ति, दोनों का अद्भुत समन्वय हैं। उन्हें साहस तथा आत्मिक शांति का प्रतीक माना जाता है। उनके दस हाथ हैं, जिनमें वे विभिन्न अस्त्र-शस्त्र और प्रतीक धारण करती हैं, जैसे—कमल, बाण, धनुष, त्रिशूल। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित है।

माँ की साधना के लाभ

  • सुरक्षा और साहस  
  • आध्यात्मिक प्रगति 
  • वैवाहिक सुख


माँ कूष्मांडा  

नवरात्रि के चौथे दिन भक्त माँ कूष्मांडा की पूजा करते हैं, जो माँ दुर्गा का एक विशेष रूप हैं। माँ कूष्मांडा ने अपनी कोमल मुस्कान से पूरे ब्रह्मांड की रचना की। वे सृजनात्मक शक्ति का प्रतीक हैं। माँ कूष्मांडा को आठ भुजाओं वाले रूप में दर्शाया गया है, जिनमें वे विभिन्न अस्त्र-शस्त्र और माला धारण किए हुए हैं।अपनी करुणामयी दृष्टि और कोमल मुस्कान से वे अपने भक्तों को सृजनात्मकता, बुद्धिमत्ता और ऊर्जा का आशीर्वाद देती हैं।

माँ कूष्मांडा की साधना के लाभ

  • सृजनात्मकता और बुद्धिमत्ता में वृद्धि  
  • सकारात्मकता और ऊर्जा 
  • साहस और आत्मविश्वास


देवी स्कंदमाता  

देवी स्कंदमाता, नवदुर्गा का पाँचवां स्वरूप हैं। वे इच्छा-शक्ति, ज्ञान-शक्ति और क्रिया-शक्ति के अद्भुत संतुलन की प्रतीक हैं। उनका प्राकट्य एक पोषणकर्ता के रूप में हुआ, जिनमें अपने भक्तों की रक्षा करने और संसार में शांति स्थापित करने की असीम शक्ति निहित है।

देवी स्कंदमाता की साधना के लाभ

  • सुरक्षा और आंतरिक शक्ति 
  • आध्यात्मिक विकास और शांति


माँ कात्यायनी  

 नवरात्रि के छठे दिन भक्त माँ दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की आराधना करते हैं। उन्हें तीन नेत्रों और चार भुजाओं वाली माता के रूप में दर्शाया गया है। वे एक हाथ में तलवार, दूसरे में कमल धारण करती हैं, तथा अन्य दो हाथों से भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। वे शक्ति और साहस की प्रतीक मानी जाती हैं।

माँ कात्यायनी की साधना के लाभ

  • बाधाओं पर विजय  
  • कार्य सिद्धि और सफलता
  • इच्छाओं की पूर्ति


माँ कालरात्रि

नवरात्रि के सातवें दिन भक्त माँ दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करते हैं। कालरात्रि का अर्थ है "अंधकार की रात्रि"। यह स्वरूप उनके काले वर्ण तथा उग्र और रक्षक स्वभाव के लिए जाना जाता है। माँ कालरात्रि की चार भुजाएँ हैं। वे दो हाथों में खड्ग और मशाल धारण करती हैं, जबकि अन्य दो हाथ अभय और वरद मुद्रा में हैं।

माँ कालरात्रि की साधना के लाभ

  • भय और बाधाओं का नाश
  • अज्ञानता का अंत 
  • संकल्प शक्ति और साहस में वृद्धि


देवी महागौरी

नवरात्रि के आठवें दिन देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना की जाती है। ‘महागौरी’ का अर्थ है ‘अत्यंत श्वेत वर्ण,’ जो शुद्धता और शांति का प्रतीक है। देवी महागौरी को चार भुजाओं के साथ दर्शाया गया है—एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में डमरू, और शेष दो हाथों से वे भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

देवी महागौरी की साधना के लाभ

  • शांति, समृद्धि, और ज्ञान 
  • संतोष और आंतरिक शांति
  • महिलाओं की रक्षक


माँ सिद्धिदात्री

नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन, भक्त माँ सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। उनके नाम का अर्थ है ‘सिद्धियाँ प्रदान करने वाली’। ऐसा माना जाता है कि माँ सिद्धिदात्री अपने भक्तों को आठ प्रकार की सिद्धियाँ (अलौकिक शक्तियाँ) प्रदान करती हैं। माँ सिद्धिदात्री को चार भुजाओं वाली देवी के रूप में दर्शाया गया है। वे अपने हाथों में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा और कमल पुष्प धारण करती हैं। वे पूर्ण खिले हुए कमल पर विराजमान होती हैं, जो ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है।

माँ सिद्धिदात्री की साधना के लाभ

  • ज्ञान और बुद्धि
  • मोह से मुक्ति
  • कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण
  • संतुलन और शांति
Written by: Team Sadhana App
हमारा मूल उद्देश्य सनातन धर्म के गहन ज्ञान और अनुपम सौंदर्य को समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाना है। हमें सनातनी होने पर गर्व है, और इसकी शिक्षाओं तथा परंपराओं का प्रचार-प्रसार करना ही हमारी साधना है। हमारा प्रयास है कि वैदिक धर्म और शास्त्रों की गूढ़ शिक्षाएँ आमजन तक सरल, सहज और रोचक ढंग से प्रस्तुत की जाएँ, ताकि अधिकाधिक लोग इससे लाभान्वित होकर अपने जीवन में सनातन धर्म के मूल्यों को आत्मसात कर सकें।
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Comments

Mitali Gupta September 12, 2025

Your blogs are always very crisp, to the point and very informative. I always render them as an authentic source of information.
Thank you for sharing.

SAINATH MISHRA September 12, 2025

गुरु गोविन्द दोउ खड़े काको लागूं पाय
बलिहारी गुरु अपनो जिन गोविन्द दियो बताय

स्वामीजी के मार्गदर्शन मे एवं माँ कि कृपा से जो कुछ भी हो रहा है वह अद्भुद एवं अद्वितीय है l

ॐ श्री मात्रै नमः 🌹🌹🙏🏻🙏🏻
ॐ श्री गुरुवे नमः 🌹🌹🙏🏻🙏🏻

ॐ श्री मात्रै नमः

Madhavi Waingade September 12, 2025

बहुत,बहुत धन्यवाद 🙏🏽 ये पढने के बाद माँ कि पूजा,भक्ती और भी गहरी हो जायेगी|धन्यवाद| 🙏🏽🙏🏽🙏🏽

माँ दुर्गा, आप ही शक्ति हैं, आप ही भक्ति हैं,
आपके बिना यह जीवन अधूरा है।
हम सबको अपनी कृपा से सन्मार्ग दिखाइए,
साहस, ज्ञान और शांति प्रदान कीजिए।
हमारे दुःख हर लीजिए,
सद्बुद्धि और सद्गति दीजिए।

Jasmeet kaur September 12, 2025

Thank u so much for such a meaningful post it will help me to prepare my mind for coming Navratri with devotion 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🌷🌷🌷

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