माँ अहोई की कृपा और आशीर्वाद
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अहोई अष्टमी कब और कैसे मनाई जाती है?
अहोई अष्टमी कथा
महत्वपूर्ण तिथियाँ और समय
अष्टमी तिथि प्रारंभ:
13 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:24 बजे
अष्टमी तिथि समापन:
14 अक्टूबर 2025, प्रातः 11:09 बजे
अष्टमी पूजा का मुहूर्त:
13 अक्टूबर 2025, सायं 5:53 बजे से 7:08 बजे तक
🕰️ समय IST (भारतीय मानक समय) के अनुसार।
ℹ️ स्थानीय पंचांग/शहर के अनुसार समय में थोड़ा अंतर संभव है।
अहोई अष्टमी व्रत और पूजा की तैयारी
- साथ ही यह भी संकल्प करें कि आप अपना व्रत परिवार की परंपरा के अनुसार तारों या चंद्र दर्शन के बाद ही खोलेंगे।
- सूर्यास्त से पहले दीवार पर अहोई माँ का चित्र बनाएं।
- देवी के साथ-साथ साही (सेई) और उसके बच्चों की छवि भी बनाएं।
- वैकल्पिक रूप से, अहोई अष्टमी पूजा मुद्रित चित्र का भी प्रयोग किया जा सकता हैं।
- अष्टमी के चित्र के पास फर्श पर एक सुंदर रंगोली बनाएं।
- अब पूजा की दीवार के पास फर्श पर या किसी लकड़ी की स्टूल पर गेहूँ बिछा दें।
- पूजा स्थल के पास जल से भरा हुआ एक कलश रखें और उसे ढक्कन से ढक दें।
- इस कलश के ऊपर जल से भरा करवा रखें और करवे की नाल (सुराख) को घास के तिनके से बंद कर दें।
अहोई अष्टमी पूजा-विधि
- अहोई अष्टमी की कथा सुनें।
- माँ अहोई को घास की सात सीक और नैवेद्य अर्पित करें।
- बाद में यह अर्पण किसी वृद्ध महिला या ब्राह्मण को दक्षिणा के साथ दिया जा सकता है।
- कलश और करवे के जल से तारों या चंद्रमा को अर्घ्य दें।(अपने परिवार की परंपरा के अनुसार) और फिर सत्त्विक भोजन लेकर व्रत खोलें।